Tuesday, November 10, 2015

पर कठिन है प्यार का इज़हार करना (2122 2122 2122)

है बहुत आसान यारो! प्यार करना
पर कठिन है प्यार का इज़हार करना

एक क्यूँ इस्रार कर कमतर हो ज़ाहिर
दूसरे की ज़िद हो जब इंकार करना

वाक़ई में तोड़ देना आईने को
ख़ुद की ही सूरत को है बेकार करना

शम्स भी तो सोचता होगा, किसी दिन
मौज़ करना, ठाट से इतवार करना

क़ाइदन बेपर्दगी अच्छी नहीं पर
हो सके तो बरहना रुख़सार करना!

मिह्रबाँ है रब के अब तक शाद हूँ मैं
गो है फ़ित्रत आपकी बीमार करना

क्या भला ग़ाफ़िल सा होगा और कोई
आपको, इक था न ख़िदमतगार करना?

-‘ग़ाफ़िल’

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