Saturday, September 12, 2015

आप सबकी है इनायत दोस्तो

आपसे कैसी शिक़ायत दोस्तो
आप सबकी है इनायत दोस्तो

बज़्म में बदनाम करना आपकी
है बहुत पहले की आदत दोस्तो

खो गया था मैं अगर जज़्बात में
आपने क्या की मुरव्वत दोस्तो

चाँद के धब्बे को केवल देखिए
आपकी है यह शराफ़त दोस्तो

आज अपना ख़ूँ नहीं अपना रहा
क्या ग़ज़ब ठहरी ज़हानत दोस्तो

एक क़ाफ़िर को लगाया है गले
एक ग़ाफ़िल से अदावत दोस्तो

-‘ग़ाफ़िल’

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