Tuesday, August 18, 2015

आप सबको मेरी बन्दगी दोस्तों

आपसे है मेरी हर ख़ुशी दोस्तों
आप सबको मेरी बन्दगी दोस्तों

अनकही सी इबारत है तक़्रीर अब
क्या खिलाती है गुल आशिक़ी दोस्तों

अश्क हैं तो है ज़िन्दा ज़मीर आपका
है ज़मीर आपका, ज़िन्दगी दोस्तों

आपने कह दिया, यह बड़ी बात है
बात गोया ज़रा सी  ही थी दोस्तों

हुस्न का नाज़ सर पे उठाए फिरे
देखिए इश्क़ की सादगी दोस्तों

इसलिए भी सभी लुत्फ़ हैं ले रहे
शा’इराना जो है बेख़ुदी दोस्तों

-‘ग़ाफ़िल’

No comments:

Post a Comment