Wednesday, June 24, 2015

मुझको तड़पाना ही था अगर ज़िन्दगी

मुझको तड़पाना ही था अगर ज़िन्दगी
काट देती तू मेरे ये पर ज़िन्दगी
तेरे कूचे में बेसुध भटकता रहा
और तुझको नहीं कुछ ख़बर ज़िन्दगी

1 comment:

  1. वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

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